दोषियों के वकील कहते है की निर्भया उस रात 12 बजे उस लड़के के साथ क्या कर रही थी...... इस पंक्ति को बार बार पढ़िए और सोचिये की वकील भी उन दोषियों के साथ बराबर का भागीदार है की नही. चाहे हम कितना ही ढिंढोरा पीट ले की महिलाओं को पुरुषो के समान अधिकार मिलने चाइये, लेकिन सत्य यह है की कल भी यह समाज पुरुष प्रधान था और अज्ज भी पुरुष प्रधान है.
निर्भया का अर्थ होता है जिसे कोई भय न हो.... वैसे तो यह एक काल्पनिक नाम है.... वास्तविक नाम भी जान लीजिये, नाम था ज्योति सिंह, जो की psychotherapy इंटर्न थी.
7 साल से अधिक समय लगा निर्भया को इन्साफ मिलने मे, भारत जैसे देश मे इंसाफ मिलना भी बड़ी बात माना जा सकता है क्युकी जहा की न्याय व्यवस्था का वकील यह कह सकता है की सारा दोष निर्भया का है क्युकी वह रात 12 बजे बाहर घूम रही थी, तो उस न्याय व्यवस्था की कल्पना आप कर ही सकते है.
6 अपराधी थे उस रात जिन्होंने निर्भया का बलात्कार और निर्मम हत्या की. जिनमे से एक अपराधी जिसे नाबालिक बोलकर छोड़ दिया गया वो आज भी हमारे समाज मे खुलेआम घूम रहा है, मे अपने पाठको से यही कहकहूंगा कृपया अपनी माता बहन बेटी को सुरक्षित रखे क्युकी जो जो नाबालिक होते हुए बलात्कार और हत्या कर सकता है अब तो वह बालिक हो चूका है और उससे भी निर्मम कुछ भी कर सकता है.
भारत मे औसतन 90 से ज्यादा बलात्कर रोज किया जाता है... फिर भी कोई सख्त कानून इसके लिए नहीं बनाया जा रहा है. रोज न जाने कितनी ही निर्भया मरती है, मगर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता, क्युकी वह आपकी व हमारी बेटी नहीं है.....
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